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क्यों जानना ज़रूरी है महिलाओं को ओवुलेशन का समय व महत्त्व क्यों जानना ज़रूरी है महिलाओं को ओवुलेशन का समय व महत्त्व

क्यों जानना ज़रूरी है महिलाओं को ओवुलेशन का समय व महत्त्व


Surya Hospital

January 04, 2024 |
9 Min Read | 548

ओवरी से परिपक्व एग रिलीज़ होने की प्रक्रिया को ओवुलेशन कहते है। ओवरी महिलाओ के शरीर का वह अंग होता है जहां पर उसके मां बना सकने वाले अंडे बनते है। अंडे स्पर्म यानी पुरुष के शुक्राणु के साथ मिलकर बच्चा बनाते है। आमतौर पर ओवुलेशन की यह प्रक्रिया स्त्री को हर महीने होती है। इस समय के आसपास एक महिला के प्रेग्नेंट होने की सम्भावना सबसे अधिक होती है। महिलाओं का मासिक चक्र 28 से 35 दिन का होता है। इन विशेष दिनों में ही सामान्य रूप से महिला के पीरियड्स खत्म होने के 12 से 16 वें दिन का समय ओवुलेशन पीरियड का होता है।  इस दौरान महिलाएं संभोग करने से आसानी से प्रेग्नेंट हो सकती है। प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन पीरियड का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। अलग-अलग महिलाओं के लिए यह समय अलग-अलग हो सकता है जो आमतौर पर पीरियड्स के 10वें और 19वें दिन के बीच होता है।  

देखा जाएं तो महिलाएं ओवुलेशन के लक्षणों को आसानी से समझ सकती है। इस समय वेजाइनल डिस्चार्ज पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है। योनि से निकलने वाला तरल प्रदार्थ गाढ़ा होने के साथ-साथ अधिक चिपचिपा हो जाता है। साथ ही महिला के शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है। कुछ महिलाओं को ओवुलेशन के समय पेट के नीचे हल्का दर्द भी हो सकता है। महिलाएं ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट की मदद भी ले सकती है। इसमें ओवुलेशन से पहले पेशाब में ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन में बढ़ोतरी का पता चल सकता है। वहीं स्तन ओवुलेशन के समय काफी संवेदनशील हो सकते है। जी मिचलाना, मतली और सिर दर्द का होना भी इस समय आम बात होती है। अगर किसी महिला को इससे संबंधित कोई शंका हो तो वह #जयपुरमेंबेस्टगायनोकोलॉजिस्ट से संपर्क कर सकती है।

ओवुलेशन का महत्व

क्या आप माँ बनना चाहती है? अगर आप मां बनना चाहती है तो ओवुलेशन का समय आपके लिए सबसे अच्छा होता है। ओवुलेशन पीरियड में संभोग की इच्छा भी अन्य दिनों की तुलना में कई गुना तक बढ़ जाती है। अंडाशय से निकलने के बाद लगभग 24 से 36 घंटे तक अंडा जीवित रहता है। अगर इस दौरान संभोग किया जाए तो प्रेग्नेंसी की संभावना बहुत बढ़ जाती है। महिला के अंडाशय से अगर दो अंडे बाहर आते है तो जुड़वां बच्चे होने की संभावना भी होती है। पीरियड के दौरान  जब ओवरी से एग निकलता है तब ओवुलेशन होता है। अब यह एग स्पर्म से फर्टिलाइज हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता। यदि एग फर्टिलाइजर हो जाता है तो महिला प्रेग्नेंट हो जाती है और यदि यह फर्टिलाइजर नहीं होता है तो एग टूट जाता है और महिला के पीरियड के दौरान यूटेराइन लाइनिंग गिर जाती है और यह निकल जाता है। ओवुलेशन के महत्व को इस बात से आसानी से समझा जा सकता है कि यदि ओवुलेशन के दिन या उससे दो दिन पहले कोई महिला संभोग करती है तो उसके गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। यहा यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि अगर कोई महिला मां नहीं बनना चाहती है तो उसे इस समय संभोग करने से बचना चाहिए।   

विशेषज्ञ के अनुसार महिलाओं में उनके जन्म के समय उनकी ओवरी में तकरीबन 2 करोड़ एग्स होते है और युवावस्था यानी की उनके मासिक धर्म शुरू होने के समय तक केवल पांच लाख एग्स ही बचते है। प्रत्येक माह पीरियड्स के पहले भाग में एग विकसित होता है और धीरे धीरे परिपक्व होने लगते है। पीरियड्स खत्म होने के कुछ दिन बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बनने लगता है जो यूटेरस की लाइनिंग को मोटा करता है जिससे स्पर्म के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो जाता है। इसी प्रकार से एस्ट्रोजन में वृद्धि होने लगती है और यह एक अन्य हार्मोन ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) में वृद्धि को ट्रिगर करने लगता है। LH की वृद्धि एग के ओवरी से रिलीज होने का कारण होती है और महिला ओवुलेट यानी LH वृद्धि के 24 से 36 घंटे तक करती है। यही वह समय होता है कि यदि एग से स्पर्म मिल जाता है और स्पर्म एग को निषेचित करने में सफल हो जाता है तो महिला प्रेग्नेंट हो जाती है। और यदि एग फर्टिलाईज़ नहीं होता है तो यह यूटेरस की लाइनिंग में मिल जाता है और पीरियड्स के दौरान महिला के शरीर से निकल जाता है। निषेचन के न होने की स्थिति में यह प्रक्रिया फिर से होती है अगले पीरियड्स की शुरुआत होती है। #गायनोकोलॉजिस्टकेपासजानेकेकारण अनेकों होते है। अगर महिला प्रेगनेंट होना चाहती है तो ज़रूरी है कि फर्टाइल विंडो यानी एग रिलीज होने के बाद स्पर्म के प्रजनन मार्ग में रहने वाले 6 दिन के अंदर ही सेक्स करें, इसमें ओवुलेशन वाला दिन और इसके बाद के दो दिन सबसे अच्छे माने जाते है।  ओवुलेशन कैलकुलेटर का उपयोग करके आप आसानी से जान पाएंगी कि किस दिन आपके फर्टाइल  होने की सबसे अधिक संभावना होगी इसके लिए अगर जरूरी हो तो किसी ऑनलाइन कैलकुलेटर या किसी मोबाइल एप्लीकेशन का प्रयोग भी किया जा सकता है। 

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