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क्यों जानना ज़रूरी है महिलाओं को ओवुलेशन का समय व महत्त्व क्यों जानना ज़रूरी है महिलाओं को ओवुलेशन का समय व महत्त्व

क्यों जानना ज़रूरी है महिलाओं को ओवुलेशन का समय व महत्त्व


Surya Hospital

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ओवरी से परिपक्व एग रिलीज़ होने की प्रक्रिया को ओवुलेशन कहते है। ओवरी महिलाओ के शरीर का वह अंग होता है जहां पर उसके मां बना सकने वाले अंडे बनते है। अंडे स्पर्म यानी पुरुष के शुक्राणु के साथ मिलकर बच्चा बनाते है। आमतौर पर ओवुलेशन की यह प्रक्रिया स्त्री को हर महीने होती है। इस समय के आसपास एक महिला के प्रेग्नेंट होने की सम्भावना सबसे अधिक होती है।

महिलाओं का मासिक चक्र 28 से 35 दिन का होता है। इन विशेष दिनों में ही सामान्य रूप से महिला के पीरियड्स खत्म होने के 12 से 16 वें दिन का समय ओवुलेशन पीरियड का होता है।  इस दौरान महिलाएं संभोग करने से आसानी से प्रेग्नेंट हो सकती है। प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन पीरियड का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। अलग-अलग महिलाओं के लिए यह समय अलग-अलग हो सकता है जो आमतौर पर पीरियड्स के 10वें और 19वें दिन के बीच होता है।  

ओवुलेशन के लक्षण

ओवुलेशन को पहचानना आसान है, यदि महिलाएं अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान दें:

  • योनि से निकलने वाला डिस्चार्ज गाढ़ा और चिपचिपा हो जाता है।
  • शरीर का तापमान हल्का बढ़ सकता है।
  • पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द या असहजता हो सकती है।
  • ब्रेस्ट में संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
  • जी मिचलाना, सिर दर्द या हल्की मतली महसूस हो सकती है।
  • महिलाएं चाहें तो ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट का उपयोग कर सकती हैं, जो पेशाब में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) की बढ़ोतरी को मापकर ओवुलेशन का संकेत देती है।

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ओवुलेशन का महत्व

अगर आप मां बनना चाहती हैं, तो ओवुलेशन का समय आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है।

  • अंडाशय से निकला एग लगभग 24–36 घंटे तक जीवित रहता है।
  • इस दौरान या इसके दो दिन पहले संभोग करने से गर्भधारण की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
  • कभी-कभी एक साथ दो एग रिलीज़ होने पर जुड़वां गर्भधारण की संभावना भी होती है।

वहीं, अगर कोई महिला गर्भवती नहीं होना चाहती है, तो उसे इस समय संभोग से बचना चाहिए।

ओवुलेशन और हार्मोनल बदलाव

  • जन्म के समय महिला की ओवरी में लगभग 2 करोड़ अंडाणु होते हैं, जो युवावस्था तक घटकर लगभग 5 लाख रह जाते हैं।
  • प्रत्येक माह, पीरियड्स के शुरुआती दिनों में एक एग विकसित होकर परिपक्व होता है।
  • पीरियड्स खत्म होने के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ता है, जो यूटेरस की लाइनिंग को मोटा करता है और स्पर्म के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है।
  • एस्ट्रोजन की बढ़ोतरी ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) की वृद्धि को ट्रिगर करती है। यही LH एग के ओवरी से रिलीज़ होने का कारण बनता है।
  • एग रिलीज़ होने के 24–36 घंटों के भीतर अगर यह स्पर्म से मिल जाता है, तो गर्भधारण संभव है। अन्यथा, यह टूटकर पीरियड्स के दौरान शरीर से बाहर निकल जाता है।

प्रेग्नेंसी की संभावना कब सबसे अधिक होती है?

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कोई महिला ओवुलेशन के दिन या उससे दो दिन पहले संभोग करती है, तो गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक रहती है।

  • फर्टाइल विंडो में सेक्स करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
  • इस विंडो को आसानी से जानने के लिए महिलाएं ओवुलेशन कैलकुलेटर या मोबाइल एप्स का उपयोग कर सकती हैं।

Quick Takeaway | ओवुलेशन और इसका महत्व

  • ओवुलेशन: हर महीने ओवरी से अंडाणु का रिलीज़ होना।
  • फर्टाइल विंडो: पीरियड्स खत्म होने के 10वें से 19वें दिन के बीच गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक।
  • लक्षण: गाढ़ा व चिपचिपा डिस्चार्ज, हल्का पेट दर्द, शरीर का तापमान बढ़ना, ब्रेस्ट संवेदनशीलता।
  • महत्व: सही समय पर संभोग करने से प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है, वहीं न चाहने पर इस दौरान बचाव ज़रूरी है।
  • टूल्स: ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट और ओवुलेशन कैलकुलेटर मददगार हो सकते हैं।

अगर आपको अपने ओवुलेशन साइकिल, गर्भधारण या महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या को लेकर सवाल है, तो हमारे Best Gynecologist in Jaipur से परामर्श ज़रूर लें। 
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