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प्रेगनेंसी है या नहीं कैसे पहचाने ? ये है शुरुआती लक्षण प्रेगनेंसी है या नहीं कैसे पहचाने ? ये है शुरुआती लक्षण

प्रेगनेंसी है या नहीं कैसे पहचाने ? ये है शुरुआती लक्षण


Surya Hospital

January 04, 2024 |
9 Min Read | 2756

हर महिला के लिए प्रेगनेंसी का अनुभव बहुत खास होता है। चूंकि मां बनने का अहसास वाकई बहुत खूबसूरत होता है। खासतौर पर अगर कोई महिला पहली पहली बार मां बनने जा रही हो तो उसके मन में अनेकों सवाल और आशंकाएं होती है। कुछ महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी के शुरूआती कुछ दिनों में ही पता चल जाता है कि वे गर्भवती हो गई है जबकि कुछ ऐसी भी महिलाएं होती है जिन्हें अपने गर्भवती होने का बिल्कुल भी अहसास नहीं हो पाता है। अब सवाल यह उठता है कि महिलाओं को कब पता चलता है कि वे गर्भवती है या नहीं ? अमूमन महिलाओं को अपने गर्भवती होने का तब पता चलता है जब उनका मासिक पीरियड मिस होने लगता है। ऐसा देखा जाता है कि अधिकतर महिलाएं प्रेगनेंसी टेस्ट के माध्यम से गर्भवती होने का पता लगा लेती है। लेकिन अगर थोड़ी सी भी सावधानी बरती जाएं तो बिना प्रेगनेंसी टेस्ट के भी गर्भवती होने का पता लगाया जा सकता है। गर्भवती होने के कुछ ऐसे लक्षण है जिनसे आसानी से अंदाज़ा लग जाता है कि वह गर्भवती है या नहीं जैसे पीरियड का मिस होना इसका सबसे आम लक्षण है। वहीं पीरियड मिस होने के अलावा भी कई ऐसे लक्षण है जिनसे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि महिला गर्भवती है या नहीं। कई लोग #आब्सटेट्रिक्सऔरगायनोकॉलोजीमेंअंतर को सही से नहीं समझ पाते है जबकि इनके बीच के अंतर को समझना जरूरी होता है। मोटे तौर पर प्रेगनेंसी के सबसे सामान्य लक्षण इस प्रकार है।    

ब्लीडिंग होना

प्रेगनेंसी का सबसे पहला लक्षण होता है ब्लीडिंग का होना। जब फर्टिलाइज्ड एग महिला की बच्चेदानी की लाइनिंग से चिपकने लगता है तो उस प्रक्रिया में कुछ ब्‍लड सेल्‍स फट जाते है। जिससे हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। यह पीरियड्स के ब्लड से बिल्कुल अलग होता है। क्योंकि पीरियड की ब्लीडिंग में ब्लड फ्लो के साथ निकलता है और पेट या कमर में तेज दर्द होता है। लेकिन इस प्रोसेस में ब्लड हल्का-हल्का आता है और यूट्रस में थोड़ी बहुत क्रैम्पिंग महसूस हो सकती है। इसकी एक विशेष बात यह भी है कि यह लक्षण हर महिला में दिखाई नहीं देता है। विशेषज्ञ की माने तो प्रेगनेंसी का यह लक्षण सबसे पहले होता है। 

वेजाइनल डिस्चार्ज होना

प्रेगनेंसी का यह लक्षण भी बहुत जल्दी सामने आने लगता है। आमतौर पर यह गर्भवती होने के तुरंत बाद ही दिखाई देने लगता है। इसके होने का कारण यह है कि जब एक महिला गर्भवती होती है तो उसके बाद शरीर में हार्मोनल बदलाव होने लगते है। इसकी वजह से वजाइना की वॉल मोटी हो जाती है जिसके कारण वजाइना के सेल्‍स बहुत तेजी से बढ़ने लगते है। इसकी वजह से थोड़ा बहुत डिस्चार्ज हो सकता है। लेकिन अगर महिला को डिस्चार्ज के साथ वजाइना में दर्द, जलन या बदबू महसूस हो तो ये लक्षण इंफेक्‍शन के हो सकते है। 

पीरियड का मिस होना

अगर किसी महिला को एक हफ्ते या इससे ज्यादा दिन तक पीरियड नहीं होते है तो इसकी वजह प्रेगनेंसी हो सकती है। हालांकि पीरियड मिस होने की कई और भी कारण हो सकते है। स्ट्रेस या हॉरमोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण भी पीरियड मिस हो सकते है। लेकिन अधिकतर मामलों मे गर्भवती होने के कारण ही पीरियड नहीं हो पाते है। अगर पीरियड किसी अन्य कारण से मिस हो रहे हो तो #जयपुरमेंगायनोकॉलोजीएंडआब्सटेट्रिक्सहॉस्पिटल को जरूर दिखाना चाहिए ।

टॉयलेट का बार-बार आना

अगर किसी महिला को पीरियड मिस होने के साथ-साथ टॉयलेट सामान्य की अपेक्षा ज्यादा बार जाना पड़ रहा हो तो यह लक्षण भी प्रेगनेंसी की ओर इशारा करते है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर का खून बढ़ने से ब्लैडर में ज्यादा मात्रा में फ्लूइड इकट्ठा होता है।

ब्रेस्ट में भारीपन होना

प्रेगनेंसी की जब शुरुआत होती है तो हॉरमोन्स में बदलाव होने लगता है जिसकी वजह से ब्रेस्ट में भारीपन होने के साथ-साथ हल्का दर्द भी महसूस हो सकता है। हॉरमोन्स के सही होने के साथ-साथ ही कुछ हफ्तों में यह दिक्कत ठीक हो जाती है।

जी मिचलाना

अगर किसी भी महिला को सुबह उठते ही या दिन में किसी भी वक्त या रात में जी मिचलाना या उल्टी आती है तो यह प्रेगनेंसी का प्रमुख लक्षण होता है। अमूमन यह लक्षण प्रेगनेंसी के पहले महीने में दिखाई देता है।

हल्का बुखार होना

शरीर का तापमान बढ़ना यानी बुखार आना भी का एक ऐसा लक्षण है जिससे प्रेगनेंसी की हरारत महसूस की जा सकती है। बुखार आने की वजह यह भी हो सकती है कि गर्भावस्था होने पर शरीर की इम्यूनिटी घट जाती है।  इसलिए इस वक्त दूसरे इन्फेक्शन की वजह से बुखार आ सकता है। यह बुखार हल्का होता है इसके तेज होने की संभावना ना के बराबर होती है।

पेट में दर्द

आमतौर पर महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआत में गर्भाशय में हल्का दर्द महसूस होता है। इस दर्द की प्रकृति अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग हो सकती है। वहीं हॉरमोन्स में बदलाव होने की वजह से दस्त या कब्ज की शिकायत भी महिला को हो सकती है।

टेस्ट और स्मेल में बदलाव होना

अगर कोई महिला गर्भवती होती है तो हो सकता है कि खाने की कुछ चीजों की महक उसको बुरी लग सकती है व कुछ की अच्छी भी लग सकती है। ऐसा भी होता है कि जो चीजें पहले पसंद होती है उनका टेस्ट बुरा लगने लगता है। 

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