प्रेगनेंसी का सबसे पहला लक्षण होता है ब्लीडिंग का होना। जब फर्टिलाइज्ड एग महिला की बच्चेदानी की लाइनिंग से चिपकने लगता है तो उस प्रक्रिया में कुछ ब्लड सेल्स फट जाते है। जिससे हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। यह पीरियड्स के ब्लड से बिल्कुल अलग होता है। क्योंकि पीरियड की ब्लीडिंग में ब्लड फ्लो के साथ निकलता है और पेट या कमर में तेज दर्द होता है। लेकिन इस प्रोसेस में ब्लड हल्का-हल्का आता है और यूट्रस में थोड़ी बहुत क्रैम्पिंग महसूस हो सकती है। इसकी एक विशेष बात यह भी है कि यह लक्षण हर महिला में दिखाई नहीं देता है। विशेषज्ञ की माने तो प्रेगनेंसी का यह लक्षण सबसे पहले होता है।
प्रेगनेंसी का यह लक्षण भी बहुत जल्दी सामने आने लगता है। आमतौर पर यह गर्भवती होने के तुरंत बाद ही दिखाई देने लगता है। इसके होने का कारण यह है कि जब एक महिला गर्भवती होती है तो उसके बाद शरीर में हार्मोनल बदलाव होने लगते है। इसकी वजह से वजाइना की वॉल मोटी हो जाती है जिसके कारण वजाइना के सेल्स बहुत तेजी से बढ़ने लगते है। इसकी वजह से थोड़ा बहुत डिस्चार्ज हो सकता है। लेकिन अगर महिला को डिस्चार्ज के साथ वजाइना में दर्द, जलन या बदबू महसूस हो तो ये लक्षण इंफेक्शन के हो सकते है।
अगर किसी महिला को एक हफ्ते या इससे ज्यादा दिन तक पीरियड नहीं होते है तो इसकी वजह प्रेगनेंसी हो सकती है। हालांकि पीरियड मिस होने की कई और भी कारण हो सकते है। स्ट्रेस या हॉरमोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण भी पीरियड मिस हो सकते है। लेकिन अधिकतर मामलों मे गर्भवती होने के कारण ही पीरियड नहीं हो पाते है। अगर पीरियड किसी अन्य कारण से मिस हो रहे हो तो जयपुर में गायनोकॉलोजी एंड आब्सटेट्रिक्स हॉस्पिटल को जरूर दिखाना चाहिए ।
अगर किसी महिला को पीरियड मिस होने के साथ-साथ टॉयलेट सामान्य की अपेक्षा ज्यादा बार जाना पड़ रहा हो तो यह लक्षण भी प्रेगनेंसी की ओर इशारा करते है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर का खून बढ़ने से ब्लैडर में ज्यादा मात्रा में फ्लूइड इकट्ठा होता है।
प्रेगनेंसी की जब शुरुआत होती है तो हॉरमोन्स में बदलाव होने लगता है जिसकी वजह से ब्रेस्ट में भारीपन होने के साथ-साथ हल्का दर्द भी महसूस हो सकता है। हॉरमोन्स के सही होने के साथ-साथ ही कुछ हफ्तों में यह दिक्कत ठीक हो जाती है।
अगर किसी भी महिला को सुबह उठते ही या दिन में किसी भी वक्त या रात में जी मिचलाना या उल्टी आती है तो यह प्रेगनेंसी का प्रमुख लक्षण होता है। अमूमन यह लक्षण प्रेगनेंसी के पहले महीने में दिखाई देता है।
शरीर का तापमान बढ़ना यानी बुखार आना भी का एक ऐसा लक्षण है जिससे प्रेगनेंसी की हरारत महसूस की जा सकती है। बुखार आने की वजह यह भी हो सकती है कि गर्भावस्था होने पर शरीर की इम्यूनिटी घट जाती है। इसलिए इस वक्त दूसरे इन्फेक्शन की वजह से बुखार आ सकता है। यह बुखार हल्का होता है इसके तेज होने की संभावना ना के बराबर होती है।
आमतौर पर महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआत में गर्भाशय में हल्का दर्द महसूस होता है। इस दर्द की प्रकृति अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग हो सकती है। वहीं हॉरमोन्स में बदलाव होने की वजह से दस्त या कब्ज की शिकायत भी महिला को हो सकती है।
अगर कोई महिला गर्भवती होती है तो हो सकता है कि खाने की कुछ चीजों की महक उसको बुरी लग सकती है व कुछ की अच्छी भी लग सकती है। ऐसा भी होता है कि जो चीजें पहले पसंद होती है उनका टेस्ट बुरा लगने लगता है।
Q1. गर्भ ठहरने के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
A: गर्भ ठहरने का पहला संकेत अक्सर मासिक धर्म का न आना, पेट में हल्का दर्द और सूजन होता है।
Q2. प्रेगनेंट होने के लक्षण कितने दिन में दिखाई देते हैं?
A: आमतौर पर 10-14 दिन के भीतर प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखने लगते हैं, लेकिन कुछ महिलाओं को इससे पहले भी हलके लक्षण महसूस हो सकते हैं।
Q3. प्रेगनेंसी में कहाँ-कहाँ दर्द हो सकता है?
A: प्रेगनेंसी के दौरान पेट के निचले हिस्से, पीठ, और कभी-कभी पेट के दाएं या बाएं हिस्से में भी दर्द हो सकता है।
Q4. बिना किट के प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?
A: अगर आपको प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण दिख रहे हैं, तो सबसे अच्छा है कि आप एक डॉक्टर से सलाह लें। बिना किट के घर पर टेस्ट करना मुश्किल हो सकता है।
Q5. घर पर कैसे पता करें कि मैं प्रेग्नेंट हूं या नहीं?
A: घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल करें, जो आपको जल्दी और सटीक परिणाम दे सकती है।
Q6. क्या मैं सुबह का पहला पेशाब प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए रख सकती हूं?
A: जी हां, सुबह का पहला पेशाब प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए सबसे सही होता है, क्योंकि इसमें हॉर्मोन की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे टेस्ट के परिणाम अधिक सटीक आते हैं।